माना कि कुछ बचपन की नादानी होगी।
कुछ नासमझी बेवकूफी वाली बातें होगी।।
कभी गलती कर के कुछ सीखा होगा।
एक दिन गलतियों से ही अपनी पहचान बनाऊंगा।।
लकिन,देखना मैं बहुत याद आऊंगा।।1।।
कभी गुस्सा होकर रुठ जाऊंगा।
कभी गुस्से में सबको मनाऊंगा।।
कभी अहँकार बीच मे आया होगा।
कभी अहँकार के सामने दीवार बनकर खड़ा हो जाऊंगा।।
लेकिन,देखना मैं बहुत याद आऊंगा।।2।।
कभी अय्याशियां की होगी।
कभी तो समझदार बन जाऊंगा।।
कभी किसी के साथ गलत किया होगा।
कभी तो गलत के खिलाफ लड़ जाऊंगा।।
लेकिन,देखना एक दिन मैं बहुत याद आऊंगा।।3।।
कभी सबको खूब हंसाया होगा।
कभी हसंते हुए को भी रुलाया होगा।।
कभी सबसे दूर रहा होऊंगा।
कभी तो सबके साथ खूब हँसा होऊंगा।।
लेकिन,देखना मैं बहुत याद आऊंगा।।4।।
मेरे बाद फिर से तुम्हे एक अहसाह होगा।
क्या फिर से तुम्हारा महिफल में साथ होगा।।
लौट आऊंगा वापस,बस तुम मुझे मना लेना।
सबकुछ भुलाकर फिर से गले लगा लेना।।
क्योंकि,देखना एक दिन मैं तुम्हे बहुत याद आऊंगा।।5।।
............रोहित शर्मा...............
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